चित्रपट / Film: क़र्ज़
-(Karz)
संगीतकार / Music Director: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल (Laxmikant-Pyarelal)
गीतकार / Lyricist: आनंद
बक्शी -(Anand
Bakshi)
गायक / Singer(s): मोहम्मद
रफ़ी (Mohammad
Rafi)
{दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने}-२ बार
{पहले तो मैं शायर था}-२ बार
आशिक बनाया आपने
{दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने}-२ बार ||ध्रु||
{आपकी मदहोश नज़रें
कर रही हैं शायरी}-२ बार
ये ग़ज़ल मेरी नहीं
ये ग़ज़ल है आपकी
मैंने तो बस वो लिखा
जो कुछ लिखाया आपने
{दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने}-२ बार ||१||
{कब कहाँ सब खो गयी
जितनी भी थी परछाईयाँ
उठ गयी यारों की महफ़िल
हो गयी तन्हाईयाँ} -२बार
क्या किया शायद कोई
पर्दा गिराया आपने
{दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने}-२ बार ||२||
{और थोड़ी देर में बस
हम जुदा हो जायेंगे}-२ बार
आपको ढूंढूंगा कैसे रास्ते खो जाएंगे
नाम तक भी तो नहीं
अपना बताया आपने
||३||
दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने
पहले तो मैं शायर था
आशिक बनाया आपने
दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने
ला ला ला ला ला ....
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