Friday, January 18, 2019

देखा एक ख़्वाब तोये सिलसिले हुए ..../Dekha Ek Khwab ToYe


चित्रपट / Film: सिलसिला-(Silsila)
संगीतकार / Music Director: Shiv-Hari
गीतकार / Lyricist: जावेद अख्तर-(Javed Akhtar)


मेल:-             हु ..हु ..हु ..
{देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए,
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए |}  २ बार              
फिमेल:-        S S   S ( आलाप)
ये ग़िला है आप की निगाहों मे,
फूल भी हों दर्मियां तो फ़ासले हुए|
मेल:-            देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए,
दूर तक निगाहों में है गुल खिले हुए
फिमेल:-       ला ला ला ला ला ला ला ला हु ..हु ..हु

मेल:-           मेरी साँसों में बसी ख़ुशबू तेरी,
फिमेल:-      ये तेरे प्यार की है जादुगरी         
आ S S आ S S आ आ आ ...
मेल:-           तेरी आवाज़ है हवाओं में,
फिमेल:-      प्यार का रँग है फ़िज़ाओं में|
मेल:-           धड़कनों में तेरे गीत हैं खिले हुए,
फिमेल:-        क्या कहूँ के शर्म से हैं लब सिले हुए |
मेल:-           देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए,
फिमेल:-      फूल भी हो दर्मिया तो फासले हुए                     ||१||

फिमेल:-      मेरा दिल है तेरी पनाहों में,
मेल:-          आ छुपा लूँ मैं तुझे बाहों में |
फिमेल:-      तेरी तस्वीर है निगाहों में,
मेल:-           दूर तक रोशनी है राहों में |
फिमेल:-      कल अगर न रोशनी के काफ़िले हुए ?
फिमेल:-      प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए |
मेल:-           देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूरतक निगाहों में है गुल खिले हुए
(फिमेल अलाप : आ S S आ S आ..)
फिमेल:-      ये गिला है आपकी निगाँहो से,
फूल भी हो दर्मिया तो फासले हुए
दोनों:-         देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए,
दूर तक निगाहों में है गुल खिले हुए          ||२||

No comments:

Post a Comment