चित्रपट : लावारीस
संगीतकार : कल्याणजी आनंदजी
गीतकार : अंजान
गायक : किशोर कुमार
हु ...हु हु..
हु हु हु ....
ओ ... ओ ...ओ ...
इक दिन किसी.... फकीर ने
एक बाआ....त कही थी..
अब जा के दिल ने मानाआ आ ,
मानाआ
वो बाआ....त सही थी
जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा हैं यारों
जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा हैं यारों
मैं नहीं कहता हो...ओ ओ ओ ओ
मैं नहीं कहता किताबों में लिखा हैं यारों
जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा हैं यारों
हाँ खुदा हैं यारों ||ध्रु||
हम तो क्या है... ओ ओ ओ ओ
हम तो क्या है वो फ़रिश्तों को आजमाते है
हम तो क्या है वो फ़रिश्तों को आजमाते है
बनाकर हमको मिटाता है फिर बनता है
आदमी टुटके... ओ ओ ओ
आदमी टुटके सौ बाआर
जुड़ा है यारों
जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों
हाँ खुदा है यारो .... ||1||
कबतलक हमसे .... ओ ओ ओ ...
कबतलक हमसे ये तक़दीर भला रूठेगी
कबतलक हमसे ये तक़दीर भला रूठेगी
इन अंधेरों से उजालों की किरण फूटेगी
ग़म के दमन में ... ओ ओ ..
ग़म के दमन में कही चैन छुपा है यारो
जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा हैं यारों
जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा हैं यारों
मैं नहीं कहता..
मैं नहीं कहता किताबों में लिखा हैं यारों
जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा हैं यारों
हाँ खुदा है यारो ... ||2||
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